Top Guidelines Of shiv chalisa in hindi
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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
महाशिवरात्रि मनाने के आध्यात्मिक कारण
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
भोर भी होगी क्यों डरते हो दुःख की रातो से,
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
अर्थ- हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
पूजन रामचन्द्र shiv chalisa in hindi जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद shiv chalisa in hindiShiv chaisa शीश नवावैं॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥